The auspicious occasion of Holi at Utkarsh Yoga Mission in Delhi
13 May, 2023
The auspicious occasion of Holi at Utkarsh Yoga Mission in Delhi
दिल्ली में उत्कर्ष योग मिशन में होली के पावन अवसर पर एक विशिष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
पिछले एक सप्ताह से चलने वाले इस विशेष कार्यक्रम में देश विदेश से जुड़कर अनेकों लोग स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ जीवन से जुड़े विभिन्न व्यावहारिक पहलुओं की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर रहे हैं।शिक्षा व संस्कारों को बढ़ावा देने वाला यह कार्यक्रम अनवरत जारी है। इस कार्यक्रम को लेकर युवाओं में खासा उत्साह है। कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 6.00 बजे आफलाइन मुख्य रूप से आर के पुरम तिकौना पार्क नई दिल्ली में चलता है तथा वहीं से अंतरराष्ट्रीय स्तर अनेकों लोग आनलाइन गुगल मीट लिंक से इस कार्यक्रम से जुड़ते हैं। विभिन्न मानसिक एवं शारीरिक बीमारियों के निवारण हेतु कार्यक्रम में 50 शारीरिक,मानसिक, बौद्धिक
आत्म उत्थान की अलग अलग कियाएं चलती हैं।
देश के प्रसिद्ध योग गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ सत्येन्द्र सिंह संस्थापक उत्कर्ष योग मिशन का यह स्वास्थ्य शिक्षा संस्कार और व्यवहार कार्यक्रम पिछले लगभग 15 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनवरत जारी है।
डॉ सत्येन्द्र सिंह का मानना है कि आज हमारे देश में लोग अनेकों शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं ,अतः उन्होंने संकल्प लिया है कि वह लोगों को उनके घरों इस कार्यक्रम को देकर बीमारियों से छुटकारा दिलवाएंगे।
उनके इन आनलाइन आफलाइन कार्यक्रमों से बड़ी संख्या में लोग स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं। इस समय वे विभिन्न विश्वविद्यालयों संगठनों में जाकर इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं।
आज के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों ने अपने माता-पिता के साथ बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कई परिवार जुड़े । बच्चों प्रातः काल में जगे और कैमरे के सामने आकर अपनी उत्साह पूर्ण उपस्थित दर्ज की । बच्चों ने प्रतिक्रिया दी कि उन्हें उत्कर्ष योग मिशन का यह स्वास्थ्य, शिक्षा संस्कार और व्यवहार कार्यक्रम बहुत उपयोगी लगता है। बच्चों ने और बच्चों का आह्वान किया कि वे भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। आज कार्यक्रम विशेष रूप से बच्चों के लिए था । इस विशेष कार्यक्रम में डॉ सत्येन्द्र सिंह ने बच्चों को पावर आफ एनेलिसस ,पावर आफ इमैजिनेशन, पावर आफ रिस्पेक्ट,पावर आफ ड्रीम तथा पावर आफ सबमिशन के बारे में विस्तार से बताया। डॉ सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि यदि बच्चे अपने माता-पिता के साथ इसी तरह ब्रह्ममूहर्त में उठकर इन शारीरिक ,मानसिक और बौद्धिक क्रियाओं को करेंगे तो वह अपने सपनों को साकार करने में अग्रसर होंगे । वे एक अच्छे विद्यार्थी व ज़िम्मेदार नागरिक बन कर अपने परिवार समाज और देश का गौरव बढ़ाएंगे।